15 Point Programme Committee
15 Point Programme Committee: प्रधानमंत्री के नया पंद्रह सुत्री प्रोग्राम से कितना हुआ अल्पसंख्यकों को फायदा
प्रधानमंत्री के नया पंद्रह सुत्री प्रोग्राम में अल्पसंख्यकों को 15 फीसदी की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है। आज हर तरफ इस बात की चर्चा है कि अकलियतों को शिक्षा, नौकरी, सियासत और सरकार की योजनाओं में मुनासिब भागीदारी नहीं मिलती है। इस बात में सच्चाई है लेकिन सरकार की 15 सुत्री कार्यक्रम को देखें तो अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 11 अलग-अलग विभागों के 24 योजनाओं के जरिए अकलियतों की तरक्की का मंसूबा बनाया गया है। |
प्रधानमंत्री के नया पंद्रह सुत्री प्रोग्राम में अल्पसंख्यकों को 15 फीसदी की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है। आज हर तरफ इस बात की चर्चा है कि अकलियतों को शिक्षा, नौकरी, सियासत और सरकार की योजनाओं में मुनासिब भागीदारी नहीं मिलती है। कहते हैं किसी भी देश के विकास में वहां के रहने वाले लोगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सभी के विकास से ही देश का विकास संभव है। नतीजे के तौर पर तमाम वर्गों के विकास के लिए सरकार अलग-अलग मौकों पर अपनी नीति बनाती है। विभिन्न योजनाओं के जरिए कमजोर तबके को मुख्य धारे में शामिल करने की कोशिश की जाती है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के बाद भारत के अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने नया 15 Point Programme Committee बनाया है जिसके तहत सरकार की सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 15 फीसदी की हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया गया है। 15 सुत्री प्रोग्राम को देश के सभी राज्यों में लागू किया गया है। इस प्रोग्राम का मकसद अल्पसंख्यकों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ उनकी बुनियादी समस्याओं को हल करना है।
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15 सुत्री प्रोग्राम का मकसद
प्रधानमंत्री के नया 15 सुत्री प्रोग्राम में बुनियादी तौर पर शिक्षा का विकास, आर्थिक तरक्की, लोगों के जीवन स्तर में सुधार समेत सांप्रदायिक सद्भावना बनाने और सांप्रदायिक झगड़ों के रोक थाप पर जोर दिया गया है। 15 सुत्री प्रोग्राम में 6 बिंदु शिक्षा के विकास के लिए है। 4 आर्थिक विकास के लिए और 2 जीवन स्तर के सुधार से जुड़ा है। 3 बिंदु सांप्रदायिक झगड़ों के रोकथाम से जुड़ा है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि 15 सुत्री कार्यक्रम में विशेष रुप से किन-किन कामों को प्राथमिकता दी गई है साथ ही सरकार के कितने विभागों की योजनाओं को 15 Point Programme Committee से जोड़ा गया है।
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शिक्षा-
प्रधानमंत्री के नया 15 सुत्री प्रोग्राम में सबसे पहले शिक्षा की बात की गई है। अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक विकास के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए मुनासिब हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया गया है। अकलियती आबादी वाले इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना कर गरीब और महरूम बच्चों, हामला खातुन, दूध पिलाने वाली माँओं का पूरा विकास करना है। बच्चों के लिए ICDS योजना के तहत काम किया जा रहा है। जिसमें ICDS प्रोजेक्ट और आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ से समाज के गरीब और बेसहारा बच्चों की मदद की जा रही है। इसके साथ ही सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्कीम और सरकार की दूसरी योजनाओं को अकलियती इलाकों में लागू करने की कोशिश की जाती है। इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि अल्पसंख्यक क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना हो और सरकार की योजनाओं से अल्पसंख्यक समाज को फायदा पहुंच सके। उर्दू भाषा से अल्पसंख्यकों के लगाव को देखते हुए अकलियती आबादी वाले क्षेत्रों में उर्दू के विकास के लिए विभिन्न स्तर पर काम करने की योजना है। 15 सुत्री प्रोग्राम के जरिए ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि उर्दू का विकास हो सके और उर्दू भाषा से शिक्षा हासिल करने वाले लोगों को इस भाषा से शिक्षा हासिल करने में किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की तरफ में माली मदद देने की बात की गई है।
मदरसा-
15 सुत्री प्रोग्राम में मदरसों की शिक्षा पर काफी गंभीर पहल की गई है। आमतौर पर मदरसों में समाज के गरीब बच्चे तालीम हासिल करते हैं। उन बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है। सरकार की SPQEM स्कीम के तहत मदरसों का आधुनिकीकरण और मदरसों के शैक्षणिक स्तर में बेहतरी लाने की कोशिश की जा रही है। अलग-अलग राज्यों में मदरसों की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए SPQEM योजना के जरिए आधुनिक तालीम की व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार इस योजना पर एक बड़ी रकम खर्च करती है। सैकड़ों मदरसों को इस योजना से फायदा मिल रहा है। SPQEM योजना के तहत साइंस और अंग्रेजी के शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। शिक्षकों का वेतन और आधुनिक जरूरतों को SPQEM योजना के तहत पूरा किया जाता है।
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आर्थिक सहायता-
प्रधानमंत्री के नया 15 सुत्री प्रोग्राम में अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक विकास को लेकर गंभीर पहल की जा रही है। सरकार की तरफ से आर्थिक एतबार से कमजोर छात्रों को माली मदद पहुंचाने के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई है। प्री-मैट्रीक और पोस्ट-मैट्रीक स्कॉलरशिप के साथ ही तकनीकी शिक्षा के लिए मेरिट कम मिंस स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। स्कॉलरशिप की व्यवस्था से अल्पसंख्यक छात्रों को काफी फायदा हो रहा है। शिक्षा के जानकारों का कहना है कि सरकार की इस योजना से छात्रों को फायदा हो रहा है। उनके मुताबिक हज़ारों छात्रों ने इस स्कीम का फायदा उठाया है। इसके अलावा मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को सरकार की तरफ से फंड मुहैया की जाती है। सरकार का मकसद आर्थिक एतबार से कमजोर छात्रों की मदद करना है। मौलना आजाद फाउंडेशन अल्पसंख्यक छात्रों को फेलोशीप देती है।
अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल
अल्पसंख्यकों को आर्थिक एतबार से मजबूत बनाने के लिए 15 सुत्री प्रोग्राम में कई तरह की व्यवस्था की गई है। कहा जाता है बगैर रोजगार के किसी भी समाज की तरक्की नहीं हो सकती है। इसके मद्देनज़र स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY) के तहत गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजारने वाले लोगों के जीवन स्तर को ठीक करने की कोशिश की जा रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया किया जाना है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक समाज के लोग जो छोटे-मोटे तकनीकी काम से जुड़े हैं या दस्तकारी का काम करते हैं। ऐसे लोगों के लिए 15 सुत्री प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती है। जिन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समाज की अधिक आबादी है वहां आईटीआई की स्थापना कर अकलियती बच्चों को प्रशिक्षण दी जाती है। इस प्रोग्राम के कारण उनकी आमदनी में इजाफा होता है। अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कर्ज देने की व्यवस्था की जाती है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्तीय निगम के द्वारा कम ब्याज पर रोजगार के लिए कर्ज देने की व्यवस्था की गई है। 15 Point Programme Committee में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में बैंकों की शाख की स्थापना करने पर जोर दिया गया है। इसका मकसद अकलियतों की गरीब आबादी को फायदा पहुंचाना है।
सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी
सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यक समाज की भागीदारी को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजारने वाले लोगों के लिए इंद्रा आवास योजना, हाउसिंग स्कीम और सलम इलाकों की तरक्की के साथ-साथ आर्थिक एतबार से कमजोर लोगों को सरकार की तरफ से मदद की जाती है। 15 सुत्री कार्यान्वयन समिति में इस बात की कोशिश की गई है कि अल्पसंख्यकों को सरकार की सभी योजनाओं में 15 फीसदी हिस्सेदारी दी जाए। सरकार की कई योजनाओं से अल्पसंख्यक समाज को फायदा हो रहा है लेकिन कई ऐसी योजनाएं हैं जिस पर काम होना अभी बाकी है।
भाईचारा का माहौल स्थापित करने पर जोर
दरअसल 15 सुत्री कार्यान्वयन समिति के तहत न सिर्फ अल्पसंख्यक समाज की शैक्षणिक और आर्थिक मसले को हल करने पर जोर दिया गया है बल्कि आपसी भाईचारा स्थापित करने के मामले पर भी 15 सुत्री कार्यक्रम में गंभीर पहल करने की बात की गई है। सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने पर सबसे ज्यादा जोर डाला गया है। कहा जाता है कि समाज तभी तरक्की की रफ्तार का हिस्सा बनता है जब आपस में भाईचारा और मुहब्बत का माहौल कायम हो। 15 सुत्री कार्यान्वयन समिति में इस बात की कोशिश की गई है कि समाज का ताना बाना भाईचारा के बुनियाद पर खड़ा रहे और ऐसे इलाके जहां फसाद का खतरा हो वहां ऐसे पुलिस अफसरों को तैनात किया जाए जिनका जेहन साफ हो और वो सभी समाज के लोगों की कद्र करते हो।
कई राज्यों में 15 सुत्री प्रोग्राम के तहत नहीं हुआ है काम
कह सकते हैं कि 15 सुत्री कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए कई स्तर पर काम करने का एलान किया गया है। स्कूलों की स्थापना के साथ-साथ रोजगार को बढ़ाने, गरीबों की मदद करने, सरकार की योजनाओं से अकलियतों को फायदा पहुंचाने समेत भाईचारा का माहौल कायम करने पर जोर डाला गया है। 15 Point Programme Committee का सरबराह राज्यों के चीफ सेक्रेटरी होते हैं और चीफ सेक्रेटरी की सरबराही में सुबाई सतह पर कमेटी का गठन किया जाता है, जिसमें कई सदस्य होते हैं। ज़िलों के स्तर पर डीएम की सरबराही में कमेटी का गठन किया जाता है। ये कहना गैर-मुनासिब नहीं है कि प्रधानमंत्री का नया 15 सुत्री कार्यक्रम एक बड़ा प्रोग्राम है जिसमें 11 अलग-अलग विभाग और उन विभागों के 24 योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत पूरे देश में काम किया जा रहा है। कई राज्यों में 15 सुत्री कार्यान्वयन समिति की योजनाएं अभी जमीन पर नहीं उतरी है लेकिन इस प्रोग्राम में कही गई बातें काफी अहम है। उम्मीद करनी चाहिए की आने वाले दिनों में 15 सुत्री कार्यक्रम से लोगों को फायदा होगा। जानकारों का कहना है कि सामाजिक स्तर पर भी लोगों को जागरूक होने की जरूरत है ताकि सरकार की योजनाओं से बड़ी संख्या में लोग फायदा उठा सकें।