Eid-ul-Adha 2021

 

Eid-ul-Adha 2021

 

 

Eid-ul-Adha 2021 की नमाज़

PATNA- कल मनाया जाएगा ईद उल अजहा का त्यौहार। बकरीद के नाम से मशूहर इस पर्व में मुस्लिम भाई सुबह सुबह ईद उल अजहा की नमाज़ पढ़ते हैं और उसके बाद जानवर की कुर्बानी करते हैं। Eid-ul-Adha 2021 में एक दिन और बचा है। इस मौके पर जहां शहर में खरीदारी बढ़ गई है वहीं बकरा बाज़ार में कुर्बानी के बकरों की खरीदारी भी शबाब पर है।

 

Eid-ul-Adha 2021

 

नमाज़ पढ़ने की छुट

कोरोना को लेकर सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक ईदगाह में जा कर नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं है। मुस्लिम संगठनों ने लोगों से अपील की है कि छोटी छोटी जमात बना कर कोरोना गाइड लाइन पर अमल करते हुए लोग Eid-ul-Adha 2021 की नमाज़ अदा करें। इमारत-ए-शरिया बिहार के कायम मोकाम नाज़ीम मौलाना शिबली कासमी के मुताबिक जिस तरह से लोगों ने ईद की नमाज़ अदा की थी उसी तरह Eid-ul-Adha 2021 की नमाज़ अदा करें। मौलना कासमी का कहना है कि सरकार की तरफ से ईदगाह और मस्जिदों में बड़ी जमात बनाने की इजाजत नही मिलने की शक्ल में ईद की नमाज की तरह ही ईद उल अजहा की नमाज़ अदा करें। साथ ही कुर्बानी करते वक्त साफ-सफाई का खास ख्याल रखें और कुर्बानी की तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी करने से बचें।

 

Eid-ul-Adha 2021
Imarat Shariah Bihar

 

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इमामों का संगठन

मस्जिद के इमामों का संगठन कुल हिंद आइमा मसाजिद बिहार के अध्यक्ष मौलाना सज्जाद अहमद नदवी का कहना है कि सरकार को Eid-ul-Adha 2021 की नमाज़ पढ़ने की इजाजत देनी चाहिए। मौलाना सज्जाद के मुताबिक जब तमाम चिज़ें खोली जारही है फिर मस्जिदों को बंद रखना मुनासिब नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना गाइडलाइन पर अमल करते हुए छोटी छोटी जमात में नमाज़ पढ़ने की बाकायदा सरकार को इजाजत देनी चाहिए।

 

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वक्फ बोर्ड

बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एलान किया है कि 06 अगस्त 2021 तक सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। इसके मद्देनज़र मस्जिदों के सेक्रेटरी, ज़िला औकाफ कमिटी और खानकाह से अपील की जाती है कि सरकार की गाइड लाइन पर सख्ती से अमल किया जाए। वक्फ बोर्ड ने ये भी कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्वाई की जाएगी।

 

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ईद उल अजहा की नमाज़

Eid-ul-Adha 2021 की नमाज़ पढ़ने को लेकर लोग उलझन में हैं। मुस्लिम संगठनों से लेकर वक्फ बोर्ड की तरफ से साफ साफ ये नहीं बताया गया है कि ईद उल अजहा की नमाज़ अपने-अपने घरों में पढ़ना है। जानकारों के मुताबिक पहले से लोग कोरोना गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं। ईद उल अजहा की नमाज़ के लिए भी वो उस गाइड लाइन का मुकम्मल ख्याल रखेंगे।

 

घरों में नमाज़ पढना

आलीम-ए-दिन का कहना है कि ईद उल अजहा की नमाज़ के लिए जमात का होना शर्त है। नमाज़ को अदा करना भी ज़रुरी है। इसलिए लोगों को चाहिए की वो कोरोना गाइड लाइन का ख्याल करते हुए छोटी छोटी जमात में अपने-अपने घरों में नमाज़ अदा करें। किसी भी तरह की अफवाहों से बचने की कोशिश करें और कुर्बानी करते वक्त अपने पड़ोसियों का खास ख्याल रखें।

 

बाज़ार

परंपरा के अनुसार Eid-ul-Adha 2021 को लेकर शहर की रौनक पहले के मुकाबले में फीकी है। जानवर की कुर्बानी करना अनिवार्य है इसलिए बकरा बाज़ारों में जानवर की खरीदारी खूब हो रही है लेकिन कपड़े और दूसरी चिजों की खरीदारी उस तरह से नहीं हो रही है जो इस मौके पर हुआ करती थी। लोगों में पर्व को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह भी नही देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि ईद उल अजहा की नमाज़ और कुर्बानी दोनों वाजीब है जिसको किसी तरह मुकम्मल करने का लोगों ने इंतज़ाम किया है। इस मौके पर करोड़ों का कारोबार होता था लेकिन इस बार सब कुछ मंदा है। नतीजे के तौर पर बकरा व्यवसायियों को छोड़कर बाकी कारोबार पूरी तरह से चौपट है जिसका नुकसान कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है।

 

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