AIMIM Party Join
AIMIM Party Join: बिहार की सियासत में एमआईएम बना रही है अपनी जगह
अल्पसंख्यक समाज के वोट पर तमाम सियासी पार्टियों ने अपनी सियासी रोटियां सेंकी है लेकिन अल्पसंख्यकों के बुनियादी मसले तक को हल कराने की कभी कोशिश नहीं की गई है। यहां तक की जिन पार्टियों को अल्पसंख्यकों का वोट मिलता रहा है उन पार्टियों ने अकलियतों को सियासी हिस्सेदारी तो दूर उनके मौलिक अधिकारों की खबर लेना भी जरूरी नहीं समझा है। एमआईएम ज्वाइन करने के बाद सियासत का रुख बदलने की पूरी मुहिम चलाई जाएगी—नजरे आलम। |
बिहार में एम आई एम अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी है। खासतौर से नौजवान लीडरों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम चलाई जा रही है। इस संबंध में मिथिलांचल के नौजवान लीडर और ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम जल्द ही AIMIM Party Join करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि नजरे आलम एक बड़े प्रोग्राम में 18 सितंबर को पार्टी ज्वाइन करेंगे।
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बेदारी कारवां से मजलीस का सफर
ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन की सदस्यता लेंगे। इस मौके पर दरभंगा में एक बड़ा प्रोग्राम भी होगा। नजरे आलम का कहना है कि बिहार की सभी पार्टियों ने मुस्लिम समाज को ठगने का काम किया है। अब अपनी कयादत की बात होगी और मुस्लिम नौजवानों में लीडरशीप को डेवलप किया जाएगा। नजरे आलम करीब दो दशक से सियासत में सरगर्म हैं। गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित और अल्पसंख्यक समाज के लिए नजरे आलम को संघर्ष करते देखा गया है। हक की आवाज बुलंद करते हुए नजरे आलम ने कई बार उसकी भारी कीमत भी चुकाई है। नजरे आलम का कहना है कि बिहार की सभी सियासी पार्टियों ने मुस्लिम समाज को हाशिए पर रखने की कोशिश की है। यही कारण है कि उन्होंने AIMIM Party Join करने का मंसुबा बनाया है।
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सियासत में भागीदारी नहीं मिलने से नौजवान हैं नाराज
अल्पसंख्यक समाज के नौजवानों में सियासत को लेकर एक अलग जोश देखने को मिलता रहा है। आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और दूसरी पार्टियों में भी मुस्लिम नौजवान लीडरों को बड़ी तादाद है लेकिन कभी भी सियासत में अकलियतों को हिस्सेदारी नहीं मिल सकी है। नतीजे के तौर पर अब अल्पसंख्यक समाज एम आई एम की तरफ देखने लगा है। खासतौर से नौजवानों का एक बड़ा वर्ग इस बात को मानता है कि बगैर सियासी हिस्सेदारी के उनके मसले हल नहीं होंगे लेहाज़ा वो एम आई एम का दामन थाम रहे हैं।
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मिथिलांचल की सियासत का रुख बदलने की तैयारी
एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि उनकी पार्टी पूरे बिहार में सदस्यता अभियान चलाएगी। बिहार के हर जिलों के लोगों को पार्टी से जोड़ने का मंसुबा बनाया गया है। उधर ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम के मुताबिक AIMIM Party Join करने के बाद मिथिलांचल की सियासत का रूख बदल जाएगा। नजरे आलम का कहना है कि मिथिलांचल में भी मुस्लिम सियासी लीडरों की कमी नहीं है, बावजूद इसके मुस्लिम बहुल इलाकों की हालात बेहद खराब है। एम आई एम अकलियती नौजवानों को सियासत में हिस्सेदारी देगी। हम अपनी सियासत और अपनी कयादत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। नजरे आलम ने कहा की दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, किसान, अल्पसंख्यक समाज और आखिरी छोर पर खड़े लोगों के हुकूक की लड़ाई एम आई एम लड़ेगी। नजरे आलम ने कहा कि हमारा मकसद सत्ता तक पहुंचना नहीं है बल्कि हमारा मंसुबा लोगों की सेवा करना है।