Bihar Madarsa Board
Bihar Madarsa Board: बिहार के मदरसों पर सरकार की नजर
बिहार अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 मोहम्मद यूनुस हुसैन हकीम के मुताबिक बिहार के मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन पर हर साल सरकार करीब 483 करोड़ रुपया खर्च करती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बगैर किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक विकास के लिए काम किया है। |
बिहार के मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए हमेशा मदरसों का मुद्दा उठाया जाता रहा है। अल्पसंख्यकों का एक बड़ा तबका जज्बाती तौर पर मदरसों से जुड़ा है। सरकार मदरसों के सिलसिले में काम करने का दावा करती है और चुनाव के समय सियासी पार्टियों के नेता मुस्लिम समाज को खुश करने के लिए मदरसों के संबंध में सरकार की तरफ से किए गये कामों को गिनाते हैं। जानकारों का कहना है कि इससे सियासी पार्टियों को फायदा होता है साथ-साथ मुस्लिम नेता भी मदरसों की बात कह कर समाज में अपनी पकड़ मजबूत बनाते हैं। बिहार अल्पसंख्यक आयोग (Bihar State Minority Commission) के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 मोहम्मद यूनुस हुसैन हकीम का कहना है कि बिहार की सरकार बगैर किसी फायदा नुकसान के मदरसों की तरक्की के लिए काम कर रही है। प्रो0 मोहम्मद यूनुस हुसैन हकीम के मुताबिक Bihar Madarsa Board के मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन पर ही हर साल सरकार करीब 483 करोड़ रुपया खर्च करती है। उनका कहना है कि मदरसों के बारे में दूसरे सूबों में क्या हो रहा है ये एक अलग सवाल है लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बगैर किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक विकास के लिए मदरसों के विकास पर काम किया है। इस बात से किसी को इनकार नहीं है। प्रो0 मोहम्मद यूनुस हुसैन हकीम का कहना है कि मदरसों के शिक्षकों के वेतन के मसले को सरकार ने दुरुस्त किया है। 7th Pay commission का फायदा उन्हें मिल रहा है।
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मदरसों के विकास के लिए कई स्तर पर हो रहा है काम
बिहार अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष के मुताबिक बिहार के मदरसों के विकास के लिए सरकार ने कई स्तर पर काम शुरु किया है। मदरसों के शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक मदरसे में एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक की रकम खर्च की जानी है। सरकार मदरसों में अल्पसंख्यक छात्रावास का निर्माण करा कर वहां पढ़ रहे छात्रों की मदद करने की कोशिश की है। मदरसों को आधुनिक बनाने समेत वहां के भवन और दूसरी जरूरतों को पूरा करने के नाम पर पैसा दिया जा रहा है। यूनुस हुसैन हकीम के मुताबिक बिहार में अल्पसंख्यकों के सिलसिले में सरकार का रवैया दोस्ताना है। खासतौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी समाज के लोगों के लिए शिक्षा को आम करने की कोशिश की है उसमें Bihar Madarsa Board के मदरसे भी शामिल है। बिहार के कई जिलों में मदरसा आधुनिकीकरण का काम भी चल रहा है। उनका कहना है कि कई इलाके ऐसे हैं जहां मदरसा तालीम का अकेला श्रोत है। गौर करने वाली बात ये है की ऐसे इलाकों के मदरसों में सभी समाज के बच्चे पढ़ते हैं। बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड के रिजल्ट में इस बात को देखा जा सकता है। हिंदू छात्र भी मदरसे में तालीम हासिल कर रहे हैं। ऐसे में मदरसों का जितना विकास होगा उससे अल्पसंख्यक समाज के छात्रों के साथ-साथ पिछड़े ग्रामीण इलाकों के सभी समाज के छात्रों को भी फायदा होगा।
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