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Bihar School Reopen

Bihar School Reopen

 

Bihar School Reopen होने से बच्चों में खुशियों का माहौल

 

Bihar School Reopen होने से बच्चे खुश और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार अलर्ट

PATNA- 133 दिन बाद फिर से बिहार के स्कूलों में खुशियां लौटने जा रही है। 16 अगस्त से राज्य के सभी स्कूल खोले जायेंगे। कोरोना और लॉकडाउन के चलते स्कूलों को चलाने और पढ़ाने का पूरा तरीका ही बदल गया। घरों में बंद स्कूलों के बच्चे मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर घंटों अपनी आंखें गड़ाए मास्टर साहब से क्लास लेते रहे। इस बीच बच्चों की मानसिकता में बदलाव आया तो उनके सोचने का नज़रिया भी बदला और स्वास्थ्य भी खराब हुआ। अब जब Bihar School Reopen करने का फैसला किया गया है तो बच्चों में खुशी का माहौल है, अब स्कूलों की दहलीज से वो अपने हौसले की उड़ान भरेंगे। सरकार ने साफ कर दिया है कि कोविड- प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों का संचालन किया जाएगा।

 

 

 

स्कूल खोलने की तैयारी

स्कूल खोलने की तैयारी में लगा स्कूल प्रशासन कोरोना गाइडलाइन के तहत बच्चों को स्कूल में आने, पढ़ने और बैठने का इंतज़ाम कर रहा है। पहली से आठवीं क्लास के बच्चे स्कूल में आयेंगे उन पर खास ध्यान रहेगा। स्कूलों में बेंच और डेस्क को सेनेटाइज किया गया है। एक बच्चे को सप्ताह में तीन दिन स्कूल जाना है। मास्क को अनिवार्य किया गया है। साथ ही एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बैठने की जगह में 6 फीट की दूरी को लाज़मी बताया गया है। स्कूलों के संचालक का कहना है कि सभी विद्यालयों में कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी मानकों का पालन किया जा रहा है।

 

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बाढ़ ग्रस्त इलाकों के स्कूल

सैलाब से घिरे इलाकों के बच्चों का ख्वाब अभी पूरा नहीं हुआ है। वो अभी स्कूल नहीं जा सकेंगे। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के मुताबिक सैलाब से प्रभावित क्षेत्रों में अभी प्रारंभिक स्कूलों नहीं खोला जायेगा। गौरतलब है कि राज्य के पंद्रह ज़िले बाढ़ से प्रभावित है। सैलाब के पानी से परेशान ऐसे इलाकों के लिए शिक्षा विभाग बाद में फैसला करेगा।

 

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सरकारी स्कूल

बाढ़ग्रस्त इलाकों को छोड़ कर तमाम स्कूलों को खोलने का फैसला किया गया है। राज्य में 72 हज़ार सरकारी स्कूल है। 72 हज़ार में 29 हज़ार मिडिल स्कूल है और 43 हज़ार प्राइमरी स्कूलों की तादाद है। सरकार ने पहले सीनियर क्लास के बच्चों को स्कूल आने की इजाजत दी थी। फिर 09वीं और 10वीं के बच्चों के लिए 07 अगस्त से स्कूलों को खोला गया। अब 16 अगस्त से सभी बच्चों के लिए स्कूल खुलने जा रहा है। स्कूलों के संचालक के साथ-साथ सरकार की तरफ से भी पूरी संजीदगी के साथ स्कूलों का मॉनिटरिंग किया जाना है ताकि बच्चों का कोई नुकसान नहीं हो।

 

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निजी स्कूल

बिहार में करीब 25 हज़ार निजी स्कूल है। कोरोना और लॉकडाउन में निजी स्कूलों की माली हालत काफी खराब हुई है। कई स्कूल आर्थिक तंगी के कारण बंद होने के कगार पर खड़े है। स्कूलों को खोलने के फैसला का निजी स्कूलों के संचालकों ने स्वागत किया है। उधर प्राइवेट स्कूल्ज एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद के मुताबिक स्कूलों में अब खुशियां लौटेंगी।

 

Shamael Ahmad, National President, Private Schools and Children Welfare Association

 

निजी स्कूलों पर सरकार लापरवाह

प्राइवेट स्कूल्ज एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि माली तंगी का सामना कर रहे स्कूलों को सरकार मदद करने से बचती रही है। उनका कहना है कि निजी स्कूलों को बिहार सरकार पर शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ाए गए छात्रों का बकाया राशि है। जिसपर सरकार पूरी तरह से खामोश है।

 

निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर एतराज

प्राइवेट स्कूल्ज एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि पिछले दो वर्षों से निजी स्कूलों की आर्थिक हालत खराब है। उसके बावजूद निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र जबरन बनाया जा रहा है। शमायल अहमद ने कहा कि पिछले कई दशकों से निजी स्कूलों के संचालक बिहार बोर्ड के इस मनमानी रवैये से प्रताड़ित होते रहे हैं। शमायल अहमद का कहना है कि सूबे में शिक्षा के स्तर को निजी स्कूलों ने बढ़ाया है। अगर निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाने की जबरन कोशिश होती रही तो स्कूलों की गुणवत्ता खतरे में पड़ जाएगी। सरकार के साथ-साथ समाज को भी इस पर गौर करना चाहिए।

 

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