Free Admission in Engineering College in Hindi
Professional Courses में मुफ्त दाखिला।
(Free Admission in Engineering College in Hindi)आप सोच रहे होंगे कि इंजीनियरींग, पारा मेडिकल, बीबीए, एमबीए, एमसीए और इन जैसे कोर्सों में आर्थिक एतबार से कमज़ोर छात्रों का दाखिला नही हो सकता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। पटना की रोजमाइन एजुकेशनल एडं चैरिटेबल ट्रस्ट ने सभी छात्रों के साथ साथ अल्पसंख्यक छात्रों का मुफ्त दाखिला कराने का बीड़ा उठाया है। ट्रस्ट की मदद से कई हज़ार छात्र अपनी मंज़ील तक पहुंच चुके हैं और सात हज़ार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई रोजमाइन की मदद से अभी जारी है।
अल्पसंख्यक छात्रों की कम संख्या पर ट्रस्ट को है अफसोस
रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को अफसोस है इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस मुहिस से अकलियती आबादी फायदा नही उठा पर रही है। जानकारों के मोताबिक तालिमी तौर से पिछड़े रहना और बात है और अपने हालात को बदलने की कोशिश करना और बात। पटना में अकलियतों के करीब तमाम कार्यक्रमों में तालिमी पसमांदगी का ज़िक्र किया जाता है लेकिन तालीम की कमी और रोज़गार का मसला कैसे हल हो उस पर कोई मंसूबा नही बनता है। रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने उस कमी को दुर करने की कामयाब कोशिश की है।
ट्रस्ट छात्रों का दाखिला राज्यों के Gov. University में कराता है।
हमारे देश में छात्र तीन तरह के संस्थानों में पढ़ते हैं।
1- केंद्र सरकार की संस्थान
2- राज्य सरकारों की संस्थान और
3- निजी संस्थान।
रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट केंद्र सरकार और निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों का दाखिला नही कराता है। ट्रस्ट राज्यों की विश्वविद्यालयों में छात्रों का मुफ्त दाखिला कराता है। खासबात ये है कि जिन कॉलेजों में मोटी रकम देकर छात्र अपना दाखिला कराते है उन्ही कॉलेजों में ट्रस्ट मुफ्त दाखिला करा कर आर्थिक एतबार से कमज़ोर छात्रों के सपनों को पुरा कराने की कोशिश की है।
कोई भी छात्र ट्रस्ट से मदद ले सकता है।
ट्रस्ट के मोताबिक किसी भी धर्म और जाति के छात्रों के पास पढ़ने का पैसा नही है और 12वीं में उसे 50 फीसदी अंक प्राप्त है वैसे तमाम छात्रों को ट्रस्ट सीधे तकनीकी कॉलेजों में दाखिला करा सकता है। (Free Admission in Engineering College in Hindi) ट्रस्ट की तरफ से
ENGINEERING : B.Tech/ M. Tech
PARAMEDICAL COURSES
DIPLOMA
NON-TECHNICAL COURSES
EDUCATION और M.Sc
इन सभी कोर्सों में ट्रस्ट छात्रों का मुफ्त दाखिला कराता है। ट्रस्ट का कहना है छात्रों को सिर्फ खाने और रहने का पैसा देना है बाकी का खर्च ट्रस्ट के जिमे है। यानि छात्रों का खाने और रहने के अलावा किसी भी तरह का कोई पैसा नही लगता है।
अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बड़ा मौका।
देश के किसी भी राज्य के किसी भी कॉलेज में छात्रों का मुफ्त दाखिला करा कर उनके ख्वाबों को पूरा कराने की ट्रस्ट की मुहिम है। ख्वाब आप देख रहे हैं लेकिन उसको पूरा कराने की कोशिश रोजमाइन एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा है। ट्रस्ट के चेयरमैन अवैस अंबर के मोताबिक मुस्लिम लड़के और लड़कियों के लिए ये बड़ा मौका है। अंबर का कहना है कि जिन छात्रों के पास 12वीं में 50 फीसदी अंक है उन छात्रों का दाखिला देश के किसी भी विश्वविद्यालयों में हो सकता है। समाज के शैक्षणिक विकास के लिए अवैस अंबर की इस कोशिश का फायदा भारत के साथ साथ नेपाल को भी मिल रहा है। अवैस अंबर को पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने उनके काम की सराहना करते हुए 2015 में उन्हें सम्मानित किया था वहीं नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 2019 में नेपाल के राष्ट्रपति भवन में उन्हें सम्मानित किया है।
छात्रों के ख्वाबों को पूरा कराने के लिए समाज को पहल करने की ज़रुरत।
जानकारों का कहना है कि समाज की जिम्मेदारी है कि वो तालीम के मौजु पर सिर्फ बात ही नही करे बल्कि उसको अमलीजामा पहनाने की ईमानदारी से कोशिश की जाए। बिहार में मुसलमानों की शैक्षणिक हालात बेहद खराब है। सात ज़िलों में मुसलमानों की बड़ी आबादी है। किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, सितामढ़ी, प0 चम्पारण। इसके अलावा सिवान, गोपालगंज, मधुबनी, मोतिहारी, शिवहर, गया और भागलपुर में अकलियतों का बड़ा तबका मौजुद है। लेकिन उन इलाकों के तालिमी मेयार की बात करें तो मुस्लिम समाज के 20 से 40 फीसदी लोग ही साक्षर है। ये तादाद अपने आप में चौंकाता है और कई सवाल खड़ा करता है साथ ही अकलियतों की रहनुमाई करने वाले लोगों को काफी कुछ सोंचने पर मजबुर करता है। रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का कहना है की हमेशा तालीम की कमी का रोना रोने और बेरोजगारी के दल दल से मुसलमानों को निकालने के लिए समाज को ठोस पहल करने की ज़रुरत है और उसमें रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट उनके साथ खड़ा है। ट्रस्ट ने लोगों से अपील किया है की वो ट्रस्ट की मुहिम से जुड़े। छात्रों और उनके अभिभावक को जागरुक करे ताकी तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में उनका दाखिला मुफ्त कराया जा सके।
Also Read –
- women reservation in Bihar and Muslim girls education
- Higher education in Madarsas of Bihar in Hindi
- relationship with family and others in Hindi
- Education in Islam in Hindi