Hajj Form
Hajj Form: जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है
इस्लाम धर्म में हज एक मुकद्दस इबादत है। जो लोग हज पर जाने के खर्च को उठा सकते हैं उन पर जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है। इस साल हज पर जाने वाले लोगों का ऑनलाइन फार्म 20 दिसम्बर तक भरा जाएगा। |
इस्लाम धर्म में हज एक मुकद्दस इबादत है। जो लोग हज पर जाने के खर्च को उठा सकते हैं उन पर जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है। हज अल्लाह के पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम से शुरु हुआ है। इस्लाम के मानने वालों पर भी हज करना फर्ज करार दिया गया है। इस साल हज पर जाने वाले लोगों का ऑनलाइन Hajj Form भरने का सिलसिला 04 दिसम्बर से ही शुरु है। 20 दिसम्बर तक हज का फार्म ऑनलाइन भरा जाएगा।
हज यात्रियों के पास इस कागज का होना जरूरी
हज यात्रियों को Hajj Form भरने के लिए पासपोर्ट, मोबाइल नम्बर, बैंक खाता और एडरेस प्रूफ (कोई भी डॉक्यूमेंट) का होना जरूरी है। अगर हज यात्रियों के पास ये डॉक्यूमेंट नहीं है तो उनका ऑनलाइन फार्म मंजूर नहीं होगा। इसलिए हज यात्रियों से जल्द से जल्द अपना पासपोर्ट बनवाने की हज कमेटियां अपील कर रही है।
हज पर कितना खर्च होगा
इस साल हज करने पर कितना खर्च होगा अभी तय नहीं किया गया है लेकिन हज कमेटी की माने तो पिछले साल जितना खर्च हुआ था उम्मीद है कि इस बार भी एक हाजी को उतना ही पैसा खर्च करना पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछले साल एक हाजी को हज करने पर करीब 4 लाख रुपया खर्च हुआ था। इसके अलावा इस बार 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी हज पर ले जाया जा सकता है। पिछले साल इस पर रोक था। उसी तरह 65 साल की उम्र से ज्यादा के लोग भी हज कर सकेंगे।
हज यात्रियों की मदद
हर सूबे की हज कमेटियां हज यात्रियों की मदद के लिए कई स्तर पर काम करती है। बिहार राज्य हज कमेटी जहां सभी जिलों में हज के लिए लोगों के दरमियान बेदारी मुहिम चला रही है वहीं हज यात्रियों के पासपोर्ट बनवाने के लिए भी हज कमेटी की तरफ से खास व्यवस्था की गई है। हज कमेटी के चेयरमैन अलहाज अब्दुल हक के मुताबिक जो लोग हज पर जाना चाहते हैं और उनका पासपोर्ट तैयार नहीं है वो पटना के हज भवन से राब्ता कर सकते हैं। हज कमेटी ने पासपोर्ट ऑफिस से मिल कर हज यात्रियों के लिए ऐसी व्यवस्था कराई है कि उनका पासपोर्ट जल्द तैयार हो सके। इसके अलावा भी हज यात्रियों के ऑनलाइन Hajj Form भरने का इंतजाम किया गया है। पटना के हज भवन में 24 घंटे की सर्विस शुरु की गई है। कोई भी शख्स कभी भी हज से जुड़े मसले को हज भवन में आ कर हल करा सकता है।
हज कमेटी की मुहिम
बिहार के अलग-अलग जिलों में वहां के बा-असर लोग भी हज को लेकर लोगों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। बिहार में हज का कोटा 12 हजार से ज्यादा है लेकिन कोटा के मुताबिक लोग कभी जा नहीं पाते हैं। हज कमेटी हर साल लोगों में हज बेदारी मुहिम चलाती है इस बार भी ये काम किया जा रहा है। हज कमेटी को उम्मीद है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज पर भेजा जा सकेगा।
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