Site icon HoldStory I हिन्दी

Maulana Mazharul Haque University

Maulana Mazharul Haque University

 

Maulana Mazharul Haque University

 

 

मदरसों के छात्रों को मिलेगा रोजगार Maulana Mazharul Haque University ने उठाया बड़ा कदम

 

PATNA- दुनिया गलोबल हो चुकी है। इंटरनेट के बगैर अब जीवन की कल्पना नहीं की जा रही है। सब के हाथों में मोबाइल है और पूरी दुनिया अलग-अलग भाषाओं में एक दूसरे से संपर्क बनाने की कोशिश कर रही है। बाज़ार आम लोगों के स्थानीय भाषाओं में अपने उपकरणों को रखने की कोशिश कर रहा है। कहते हैं जिस भाषा से बाज़ार को जोड़ दिया जाता है उस भाषा में रोजगार के अवसर की कोई कमी नहीं होती है। दुनिया बदल रही है और उतने ही तेजी के साथ स्थानीय भाषाओं का महत्व भी बढ़ रहा है। बिहार में मदरसा के छात्रों के रोजगार का मसला हमेशा बुद्धिजीवियों के लिए बहस का मुद्दा बनता रहा है लेकिन इस ओर कम लोगों का ध्यान जाता है कि मदरसों के छात्रों के लिए भी बाज़ार में रोजगार का काफी मौका है बल्कि यूं कहे की बाज़ार अपनी बाहें फैलाए खड़ा है। लेकिन मदरसों के छात्रों को वो अवसर दिखाई नहीं देता है। Maulana Mazharul Haque University ने उस अवसर को महसूस किया है और छात्रों के लिए अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषा में ट्रांसलेशन कोर्स कराने के लिए विश्वविद्यालय एक नई दिशा में बढ़ने की तैयारी कर रहा है।

 

Maulana Mazharul Haque University

 

 

मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय में अरबी, फारसी और अंग्रेजी ट्रांसलेशन का कोर्स शुरु

 

Maulana Mazharul Haque University अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषा को सिखाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने जा रहा है। हाल में विश्वविद्यालय ने विशेषज्ञों के साथ बैठक कर ये फैसला किया है। यूनिवर्सिटी के नए वीसी प्रो (डॉ) मुहम्मद कुदूस की अध्यक्षता में आयोजित विशेषज्ञों ने अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषाओं के लिए काम करने और उन भाषाओं में ट्रांसलेशन का कोर्स शुरु करने के संबंध में यूनिवर्सिटी को मशवरा दिया है। यूनिवर्सिटी अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषा में ट्रांसलेशन कोर्स की शुरुआत करने जा रही है। इसका फायदा यूं तो सभी छात्रों को होगा लेकिन मदरसे में बीए और एमए की तालीम हासिल कर रहे छात्रों को इस कोर्स को करने के बाद मुख्य धारे में शामिल होने का एक बड़ा मौका मिलेगा।

 

Also Read – Library Urdu Books

 

अरबी और फारसी ट्रांसलेशन से लाखों रुपये की होती है कमाई

 

पूरी दुनिया में ट्रांसलेशन का काम चल रहा है। हज़ारों एजेंसियां इस काम में लगी है। अमेरिका, यूरोप, एशिया के दर्जनों देशों में ट्रांसलेशन का काम जारी है। अरबी, फारसी और अंग्रेजी में महारत रखने वाले लोग आसानी से काफी पैसा कमा रहे हैं। अगर Maulana Mazharul Haque University छात्रों को अरबी, फारसी और अंग्रेजी ट्रांसलेशन में मास्टर बनाने में कामयाब हो पाती है तो ये कहना गैर मुनासिब नहीं होगा की मदरसों के छात्रों के रोजगार का मसला पूरी तरह से हल हो जाएगा। दरअसल अरबी, फारसी ट्रांसलेशन के लिए हज़ारों लोगों की जरूरत पड़ती है। एजेंसी के अलावा अलग-अलग एम्बेसी में भी इन भाषाओं के जानकार की जबरदस्त मांग है।

 

Also Read – Minority Schools

 

मदरसों के छात्रों को मिलेगा रोजगार का मौका

 

मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय बिहार के मदरसों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों का परीक्षा लेती है। यानी बीए और एमए के छात्रों के परीक्षा लेने और डिग्री देने की जवाबदेही यूनिवर्सिटी की है। हर साल हज़ारों छात्र विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल कर रोजगार की तलाश करते है लेकिन रोजगार के नाम पर कुछ ही छात्रों को मौका मिल पाता है लेकिन विश्वविद्यालय की तरफ से अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषाओं में ट्रांसलेशन का कोर्स शुरु होगा तो फिर रोजगार के अवसर की कोई कमी नहीं होगी।

 

Also Read – AMU Kishanganj Centre

 

दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों को है ट्रांसलेटर की जरूरत

 

जानकारों के मुताबिक आज सभी मल्टी-नेशनल कंपनियों की जरूरत स्थानीय भाषा है। बाज़ार में अंग्रेजी भाषा की बादशाहत आज भी कायम है लेकिन स्थानीय भाषा भी बाजार में काफी मजबूती से अपनी जगह बनाई है। इसके अलावा अरबी और फारसी भाषा का एक बड़ा दायरा है। कई देशों में इस भाषा को बोलने वाले लोग है और बाज़ार इन भाषाओं में उन तक पहुंचने के लिए ट्रांसलेटर की मदद लेती है। मदरसों के छात्रों को अरबी और फारसी पढ़ाई जाती है। उन्हें अंग्रेजी से अरबी और फारसी, अरबी और फारसी से अंग्रेजी का ट्रांसलेशन पूरी तरह से सिखा दिया गया तो उन्हें रोजगार के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।

 

Also Read – Leadership Challenges Ka Samna

 

अरबी, फारसी भाषा को लेकर Maulana Mazharul Haque University की बड़ी पहल

 

उम्मीद करनी चाहिए की Maulana Mazharul Haque University को अपने मकसद में कामयाबी मिलेगी। विश्वविद्यालय, अरबी और फारसी भाषाओं के विकास के सिलसिले में भी संजीदगी से काम करना चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय को कभी अरबी और फारसी भाषा का केंद्र बनाने की बात की थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से काम करने पर जोर भी दिया था। देर से ही सही लेकिन विश्वविद्यालय ने एक अच्छी पहल शुरु की है। जानकारों का कहना है कि मदरसों के छात्र विश्वविद्यालय से काफी फायदा उठा सकते हैं। जरूरत इस बात की है कि वो अपने कैरियर में आगे बढ़ने के लिए अरबी, फारसी और अंग्रेजी ट्रांसलेशन में महारत हासिल करें।

 

 

Exit mobile version