All India Milli Council
All India Milli Council: मिल्ली कौंसिल का एलान मिशन तालीम 2050 की मुहिम से आएगा तालीमी इनकलाब
मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी का कहना है कि आज एक बड़ा तबका शिक्षा से दूर है। ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल अपने मिशन के साथ आगे बढ़ रही है। मौलाना कासमी के मुताबिक हमें उम्मीद है कि हम अपने तय शुदा समय में शिक्षा को आम करने और समाज के एक बड़े वर्ग को जागरूक करने में कामयाब होंगे। |
कहा जाता है कि सफलता का रास्ता शिक्षा से हो कर गुजरता है। तालीम के बगैर किसी भी समाज का ख्वाब अधूरा रह जाता है। ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल ने मिशन एजुकेशन 2050 की रूपरेखा तैयार की है। Milli Council अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मिल्ली कौंसिल समाज में तालीम को आम करने के लिए अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजित कर शैक्षणिक जागरूकता लाने की लगातार कोशिशें करती नजर आती है। उसी के मद्देनज़र ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल ने अपने मिशन शिक्षा 2050 के तहत पटना में एक प्रोग्राम का आयोजन किया। मिल्ली कौंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने कहा की हमारे समाज में शिक्षकों का ओहदा काफी बड़ा है। शिक्षक समाज का दिल और आत्मा होते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने की, जबकि प्रसिद्ध सर्जन डॉ. अहमद अब्दुल हई ने मुख्य अतिथि के रूप में इस प्रोग्राम में शिरकत किया। इंटरनेशनल स्कूल अल्बा कालोनी में इस प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। तालीमी बेदारी के नाम पर आयोजित इस प्रोग्राम में बड़ी संख्या में विद्वानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों की सामाजिक स्थिति और समाज को आकार देने में शिक्षकों की भूमिका और छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना था। ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा को लेकर चिंतित होने की जरूरत है। उनके मुताबिक छात्रों में सलाहियत की कोई कमी नहीं है। सही मार्गदर्शन और शिक्षकों और छात्रों के प्रोत्साहन से नतीजा काफी बेहतर आ सकता है। मौलाना कासमी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने शिक्षा को बहुत महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग शिक्षा से जुड़े हैं वे समाज और देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी कहते हैं कि ये स्कूल और मदरसे हमारे विकास और सफलता की बुनियाद हैं। समाज के विकास में एक शिक्षक और एक स्कूल की काफी बड़ी भूमिका होती है। मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी का कहना है कि आज एक बड़ा तबका शिक्षा से दूर है। मौलाना कासमी के मुताबिक हमें उम्मीद है कि हम अपने तय शुदा समय में शिक्षा को आम करने और समाज के एक बड़े वर्ग को जागरूक करने में कामयाब होंगे। अपने उद्घाटन भाषण में, ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल बिहार के कार्यवाहक महासचिव ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा है कि उनके रहस्योद्घाटन का उद्देश्य एक शिक्षक होना था। पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को मुअल्लिम बना कर भेजा गया था। पवित्र कुरान में अल्लाह की पहली आज्ञा पढ़ने के बारे में ही है।
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तालीम के नक्शे पर कभी पहला नाम हमारा हुआ करता था
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाने-माने सर्जन डॉ अहमद अब्दुल हई ने कहा कि शिक्षा से ज्यादा प्रशिक्षण की जरूरत है। डॉ. अहमद अब्दुल हई के मुताबिक सात सौ वर्षों तक हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे थे, जब हम शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहे थे, तब दुनिया हमारे कदमों में थी, लेकिन जब से तालीम से हमारा रिश्ता टूटा है तो उसका नतीजा आप के सामने है। मिल्ली कौंसिल बिहार के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ शकील कासमी ने कहा कि शिक्षा ही विकास का मार्ग है। डॉ शकील कासमी के मुताबिक एक सर्वेक्षण के अनुसार मदरसे भारत की साक्षरता दर में 14 प्रतिशत की वृद्धि करते हैं, लेकिन फिर भी हमारा समाज शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। ऐसे में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
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