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Urdu TET Bihar

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Urdu TET Bihar: इंसाफ के लिए 30 मई को पटना के सड़कों पर उतरेंगे 12 हज़ार उर्दू के अभ्यर्थी

उर्दू बंगला टीईटी संघ का कहना है कि हमें इंसाफ चाहिए। हम 2014 से लगातार सरकार से इंसाफ मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने अब तक हमारे मसले को हल नहीं किया है। मजबूरन हम फिर से सरकार के खिलाफ 30 मई को पटना में प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

हमें इंसाफ चाहिए। हम 2014 से लगातार सरकार से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। 2013 में उर्दू बंगला स्पेशल टीईटी का परीक्षा हुआ। 2014 में उसका रिजल्ट आया। 26500 अभ्यर्थी कामयाब हुए। हमें रिजल्ट कार्ड और मार्कशीट दिया गया। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हमारा नाम मेरिट लिस्ट में भी आ गया। लेकिन तकनीकी कमी का बहाना बना कर 2015 में फिर से हमारा रिजल्ट निकाला गया। उस रिजल्ट में पास होने वाले 12000 उम्मीदवारों को फेल कर दिया गया। हम आज दाने-दाने के मोहताज हैं। हमारी उम्र निकलती जा रही है। सरकार हमारे मसले को सियासी भंवर में उलझा कर हमारे मुस्तकबिल को बर्बाद करने का काम कर रही है। ये कहना है उर्दू बंगला टीईटी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हसन रजा अमजदी का। अमजदी के मुताबिक Urdu TET Bihar के उम्मीदवारों ने लगातार सियासी दलों के नेताओं से मुलाकात किया है। हमारा मसला दोनों सदनों में भी उठ चुका है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो सका है। इसलिए उर्दू बंगला टीईटी संघ ने फैसला किया है कि हम 30 मई को सरकार के खिलाफ विराट प्रदर्शन करेंगे। हसन रजा अमजदी के मुताबिक ये मसला हमारी जिंदगी और मौत से जुड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं फिर Urdu TET Bihar के अभ्यार्थियों के साथ सरकार क्यों सौतेला सलूक कर रही है। क्या हमारा आठ वर्षों का संघर्ष काफी नहीं है।

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उर्दू के अभ्यर्थियों को 8 साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ

दरअसल ये मसला काफी पुराना है। जानकारों के मुताबिक अब सरकार को साफ कर देना चाहिए की Urdu TET Bihar के उम्मीदवारों का मामला हल होगा या नहीं। शिक्षक बनने की उम्मीद में हजारों अभ्यर्थियों की उम्मीदें टूटने लगी है। फिर भी वो जद्दोजहद कर रहे हैं। 8 साल से लगातार टीईटी के उम्मीदवारों ने पटना के सड़कों पर लाठियाँ खाई हैं। धरना प्रदर्शन किया है। सरकार भरोसा दिलाती रही, हर धरना प्रदर्शन पर सरकार ने उनसे नया वादा किया लेकिन कभी भी वो वादे पूरे नहीं  हुए। बुद्धिजीवियों का कहना है कि नीतीश कुमार संजीदा मुख्यमंत्री है। सरकार को इस तरह से इस मसले पर खामोश रहना दुरुस्त नहीं है। शिक्षा विभाग को आगे आकर इस समस्या का निदान करना चाहिए।

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मुस्लिम नेताओं ने उठाई आवाज

पिछले आठ वर्षों में उर्दू टीईटी के मामले पर सियासी दलों के कई नेताओं ने अपनी सियासी रोटियां सेंकी है। उनके मसले को हल करने का बार-बार भरोसा दिलाया है लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ है। Urdu TET Bihar के उम्मीदवारों का मामला बिहार विधानसभा और विधान परिषद दोनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की तरफ से उठाया जा चुका है। सदन में इस सवाल के आने के बाद उनके मसले पर कार्रवाई क्या हुई वो आप के सामने है। अभी भी उर्दू बंगला टीईटी संघ को ये एलान करना पड़ रहा है कि हम मजबूर हो कर फिर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं। मुस्लिम नेताओं ने सरकार से बार-बार सवाल पुछा लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। उर्दू आबादी ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि अब Urdu TET Bihar के मसले का कोई ना कोई नतीजा निकलना चाहिए।

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उर्दू टीईटी के उम्मीदवारों ने कहा सरकार नहीं ले रही है कोई फैसला

उर्दू बंगला टीईटी संघ का कहना है कि सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं कर पा रही है। बिहार स्कूल एक्जामिनेशन बोर्ड की गलती की सजा टीईटी का इम्तहान देने वाले अभ्यर्थी उठा रहे हैं। ये किसी हाल में मुनासिब नहीं है। सरकार को खुद इस बात पर गौर करना चाहिए। टीईटी का मसला सदन में उठाया गया लेकिन सरकार ने उसे हमेशा टालने की ही कोशिश की है। जानकारों के मुताबिक ये उर्दू भाषा के साथ इंसाफ नहीं है और ना ही Urdu TET Bihar के अभ्यर्थियों के साथ सरकार अच्छा सलूक कर रही है।

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