Bihar Haj Committee
Bihar Haj Committee: बिहार राज्य हज कमेटी का गठन
अनुभवी लोगों को हज कमेटी का सदस्य बनाया गया है। चौधरी महबूब अली कैसर सेंट्रल हज कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रो0 गुलाम गौस सीनियर और अनुभवी नेता हैं। डॉ0 खालिद अनवर का मुस्लिम संगठनों के साथ एक अच्छा रिश्ता है। मुफ्ती सनाउलहोदा कासमी और अमजद रजा धर्म के जानकार है। |
बिहार राज्य हज समिति का आज यानी 14 मई 2022 को सरकार की तरफ से गठन कर दिया गया है। हज कमेटी के सदस्यों का नाम इस तरह से है।
- चौधरी महबूब अली कैसर
- प्रो0 गुलाम गौस
- डॉ0 खालिद अनवर
- मेराज अहमद उर्फ सुड्डू
- तबस्सुम परवीण
- कुलसुम आरा
- मुफ्ती सनाउलहोदा कासमी
- अमजद रजा
- सैयद अफजल अब्बास
- अब्दुल हक
- मौलाना तारिक एनायत
- मौलाना मिनहाजउद्दीन
- मास्टर मोजाहिद आलम
- सैयद शाह आमिर शाहिद
- मोहम्मद इरशादुल्लाह
- हज कमेटी के सीईओ (पदेन सदस्य)
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इस कमेटी का कार्यकाल तीन सालों का होगा। इसी कमेटी के सदस्यों में से किसी एक को Bihar Haj Committee का चेयरमैन बनाया जाएगा। चेयरमैन का चुनाव हज कमेटी के सदस्य करेंगे।
पहले से ही सरकार की तरफ से ये तय रहता है कि किसे चेयरमैन बनाया जाएगा। तयशुदा नाम पर सिर्फ मुहर लगाना सदस्यों का काम रह जाता है। |
कौन अध्यक्ष बनेगा पहले से होता है तय
पहले से ही सरकार की तरफ से ये तय रहता है कि किसे चेयरमैन बनाया जाएगा। तयशुदा नाम पर सिर्फ मुहर लगाना सदस्यों का काम रह जाता है। फिर भी औपचारिकता के लिए हज भवन में सदस्यों की तरफ से Bihar Haj Committee के चेयरमैन का चुनाव होगा। चुने गए अध्यक्ष तीन वर्षों तक बिहार राज्य हज कमेटी की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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हज कमेटी के सदस्यों की सुविधाएं
हज कमेटी के अध्यक्ष और सदस्यों को किसी तरह का कोई वेतन नहीं मिलता है। सुविधा के नाम पर अध्यक्ष को कार्यालय की एक गाड़ी दी जाती है और कोई मीटिंग होने पर कमेटी के सदस्यों को आने जाने का किराया मिलता है। Bihar Haj Committee में लोग सेवा भाव से आते हैं ताकि हज पर जाने वाले यात्रियों की खिदमत कर सके।
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अनुभवी लोगों को बनाया गया है सदस्य
नई बनी कमेटी में काफी अनुभवी सदस्य हैं। महबूब अली कैसर सेंट्रल हज कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रो0 गुलाम गौस सीनियर और अनुभवी नेता हैं वहीं डॉ0 खालिद अनवर का देश के मुस्लिम संगठनों के साथ एक अच्छा रिश्ता है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इरशादुल्लाह और शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास भी कमेटी के सदस्य हैं। इसके साथ ही मुफ्ती सनाउलहोदा कासमी और अमजद रजा धर्म के बड़े जानकार हैं। खानकाह से जुड़े लोगों को भी Bihar Haj Committee में शामिल किया गया है, सामाजिक कार्यकर्ता और महिलाओं को भी सदस्य बनाया गया है। कुल मिला कर देखें तो हज कमेटी की टीम काफी शानदार है और मुस्लिम समाज के अलग-अलग वर्ग को हज कमेटी में नुमाइंदगी दी गई है। जेडीयू के जेनरल सेक्रेटरी मेजर इकबाल हैदर का कहना है कि सरकार ने अच्छे और अनुभवी लोगों को हज कमेटी का सदस्य बनाया है। इकबाल हैदर के मुताबिक हज कमेटी हज यात्रियों के लिए काफी बेहतर काम करेगी।
नई कमेटी से हज भवन के कर्मचारियों की उम्मीदें
अहम बात ये है कि Bihar Haj Committee के अध्यक्ष और सदस्यों पर सरकार का वेतन के मद् में कोई पैसा खर्च नहीं होता है। हज भवन में करीब 30 अस्थायी कर्मचारी काम करते हैं जिनका वेतन 10 हजार से 20 हजार के बीच है वो कर्मचारी भी कई वर्षों से काम कर रहे हैं लेकिन उनमें से किसी एक को भी स्थाई नौकरी नहीं मिल सकी है। अगर देखा जाए तो सिर्फ सीईओ अकेले एक अफसर हैं जो सरकार के मुलाजिम है। हज कमेटी के सदस्यों से हज भवन में काम करने वाले कर्मचारियों को भी काफी उम्मीदें हैं। उनको लगता है कि Bihar Haj Committee के नए सदस्य उनकी स्थाई नौकरी के मामले पर गौर करेंगे।